पुलिस प्रशासन को शुक्रिया, त्वरित संज्ञान लेकर बदमाशो का निकाला जुलुस

चौथे स्तम्भ को कमजोर न होने दे, वनांचल एवं ट्राइवल क्षेत्रों में प्रशासन की त्वरित सहयोग मिल पाना असंभव हो जाता हैं
छत्तीसगढ़: पुरे देश में लगातार पत्रकारों के साथ अत्याचार होना समान्य बात हो गई हैं, वहीँ छत्तीसगढ़ में सजग एवं सच्चे पत्रकारों को गोली मार देना, मौत के घाट उतार देना हरामखोर प्रवित्ति के लोगो के नियति बन गई हैं, हम समाज के पहरेदार वर्षों से इस जुल्म अत्याचार को झेलते आ रहे हैं, हमारे कई उर्जावान पत्रकार साथी जिन्होंने निर्भीकता से चौथे स्तम्भ होने का फर्ज निभाया, चाहे वह मध्यप्रदेश के पत्रकार साथी संदीप कोठारी हो या छत्तीसगढ़ जिला गरियाबंद छुरा के उमेश राजपूत हो या बस्तर के पत्रकार साथी मुकेश चंद्रकार हो, उनकी निर्मम हत्या कर दी गई, आज किराये के बाउंसर (गुंडा) द्वारा डॉ भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में पत्रकार साथियों के साथ बदसलूकी एवं मारपीट अब हमें बर्दास्त नहीं, हालांकि प्रशासन को मैं शुक्रिया अदा करती हूँ जिन्होंने सक्रियता से हमारी तकलीफ को महसूस करते हुए संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही किया, पर अधिकांश वनांचल एवं ट्राइवल क्षेत्रों में प्रशासन की त्वरित सहयोग मिल पाना असंभव हो जाता हैं ऐसे वक्त में देश का चौथा स्तंभ इन दरिंदो के हत्थे चढ़ जाते हैं, जो काफी दुखद होता हैं, ऐसे में आत्म रक्षा हेतु हम पत्रकारों को भी कलम एवं कैमरे के साथ शस्त्र रखने की लाइसेंस प्रदान की जाये… पत्रकार रानुप्रिया (Third Eye Vision)
(खबर रायपुर) रविवार की रात राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों को कव्हरेज करने से रोका गया और उनके साथ मारपीट की गई।
पत्रकारों के साथ मारपीट मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, आज जयस्तंभ चौक से सभी आरोपी बाउंसरों का शहर में जुलूस निकाला गया, इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुंड मुंडवाकर पुलिस ने निकली अपराधियों की रैली…
आपको बता दें कि मेकाहारा में पत्रकारों को चाकूबाजी से पीड़ित वर्ग की रिपोर्टिंग करने से रोका गया, अस्पताल में जब बाउंसर सप्लाई करने वाली एजेंसी का संचालक “वसीम” पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा तब विवाद बढ़ गया, वसीम अपने 3 बाउंसर के साथ मिलकर पत्रकारों को धमकाने लगा, पुलिस की मौजूदगी में उसने महिला सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल के गेट से बाहर निकालकर पत्रकारों की ओर धकेलना शुरू किया…
अस्पताल के गेट पर ही पुलिस ने रिपोर्टरों को रोका, सभी पत्रकार बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे, लगभग 3 घंटे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया।
स्वास्थ्य मंत्री से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद देर रात पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन को स्थगित किया।
बने रहे हमारे साथ: गरियाबंद जिला का भ्रष्टाचार का होगा बड़ा खुलासा👇🏼



