नगर समाज सेवक हैप्पी भाटिया ने इस संबंध विरोध जाहिर कर कहा, जल की विकट समस्या को देखते हुए जन हितैषी प्रशासन द्वारा छात्रों के पेयजल आपूर्ति हेतु स्कूली कैंपस में हैंडपंप लगाया गया पर दुर्भाग्य उक्त हैंडपंप को क्षेत्र के रसूखदारों द्वारा उखाड़ कर, उसमें मोटर लगाकर जल को दुरुपयोग करने की बात बताई, जिसकी शिकायत पत्थलगांव नगर पंचायत के सीएमओ को अवगत कराए जाने पर उन्होंने पंप ऑपरेटर दीनदयाल को मौखिक आदेश देकर पुन: हैंड पंप को व्यवस्थित करने की बात कही, इधर दीनदयाल द्वारा भी किसी भी प्रकार की कोई सक्रियता नहीं बरती गई वहीं नाराज समाज सेवक भाटिया जी ने कहा…

सिस्टम के संगठित लूट की असल तस्वीर है ! पत्थलगांव हाई स्कूल मैदान पर लगे शासकीय हैंडपंप को कुछ असरदार लोगों ने सरेआम बोर में तब्दील कर दिया। अब वो हैंडपंप आम लोगों की प्यास नहीं बुझाता- वो अब कुछ चेहरों के अहंकार की टंकी भरता है।
गर्मी में झुलसती जनता दम तोड़ रही है, पर रसूखदारों की पाइपलाइन से पानी लगातार बह रहा है और अफ़सोस-सिस्टम चुप है, अंधा है, और शायद बिक चुका है !
यह घटनाक्रम बता रहा है कि – सिस्टम अब संवैधानिक नहीं, सौदों का गुलाम बन चुका है। आदेशों की कोई हैसियत नहीं, धौंस और धन ही कानून है! और आम आदमी? वो लाइन में लगकर बस सूखी धरती को देखता रह जाए – यही उसकी किस्मत तय कर दी गई है!
नगर पंचायत CMO ने स्पष्ट मौखिक आदेश दिया था कि “पंप निकलवाओ, हैंडपंप दोबारा लगाओ!” लेकिन पंप ऑपरेटर दीनदयाल पटेल ने वो आदेश उठाकर रद्दी की टोकरी में डाल दिया – जवाब मिला: “कल कर देंगे साहब…”
“आज-कल” नहीं -यह प्रशासन के ताबूत में ठोकी जा रही कील है : यह सिर्फ प्रशासनिक असफलता नहीं यह जनहित की हत्या है! एक सरकारी कर्मचारी, जिसे जनता की सेवा के लिए वेतन मिलता है, वह आज दबंगों का नौकर बन बैठा है और आदेशों का हत्यारा
वही समाजसेवक जनहितैषी हैप्पी भाटिया ने यह भी कहा की मामला छोटा हो या बड़ा सिस्टम की दुरूपयोग बर्दास्त नहीं स्थानीय प्रशासन त्वरित संज्ञान नहीं लिया तो इसकी शिकायत जिलाधीश महोदय से रूबरू किया जाने की बात कही..


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