भ्रष्टाचार का हब, विष्णु देव सरकार के छवि को बिगाड़ने पर तुले ये करम कांडी दलाल, सुपेबेड़ा किडनी मरीजों के एम्बुलेंस सेवा पर बड़ा घोटाला, चहेतों को कर दिया लाखों भुगतान…

जिला गरियाबंद स्वास्थ्य विभाग में लाखों का हेर-फेर, किडनी मरीजो के सेवा के नाम पर भ्रष्टाचार
गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में मौत का तांडव, अब तक सैकड़ो किडनी पीड़ितों की मौत हो चुकी है, सरकार जिसकी भी हो, बस इसे मुद्दा बनाकर वाहवाही लुटते कमीशन खोरी एवं दलाली का नंगा नाच करती रहती है, वहीं इस बार भारतीय जनता पार्टी से संवेदनशील विष्णुदेव सरकार बनते ही इन मजबूर मरीजो की सेवा के लिए काफी पहल करते तो देखी गई… पर इसमें भी चंद हैवानियत के दलालों के चलते सरकार की छवि को गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ा…

आइये आपको गरियाबंद जिला का एक ऐसा वाक्या बताने जा रहे है जिसे देख-सुनकर आपको भी यकीन हो जायेगा- मजबूर एवं भोले-भाले किडनी पीड़ित मरीजो के साथ कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा चंद पैसो के लालच में किस प्रकार से खेल-खेला जाता हैं… नियम को दर किनारे रखकर बकायदा यह खेल निरंतर जारी रहता है, जिसमे ये मंत्री, ये अधिकारी अपने चहेते दलालों के लिए सरकारी खजाने को किस तरह से गुलछर्रे उड़ाते है… यही हाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन गरियाबंद में देखने को मिला, जिसका जवाब आज भी यहाँ के सम्बंधित उच्चाधिकारियों के पास उपलब्ध नहीं… (पत्रकार-प्रवीण देवांगन)

किसे मालूम था 26 जून 2024 को मंत्री की हरी झंडी में छुपा था इस बड़े करम कांड का राज..???
रानुप्रिया(रायपुर): गरियाबंद जिला सुपेबेड़ा में इन किडनी पीड़ितो की सेवा के लिए लगाई गई 13 लाख की कीमत वाली महिंद्रा एंबुलेंस जिसमें खबरों का माने तो 12 महीनों में 15 लाख से अधिक का बिल बना दिया गया, जिसमें बकायदा 10 लाख का भुगतान भी कर दिया गया है, यह पूरा मामला गरियाबंद जिला से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फंड से हुआ, जिस पर अधिकारियों के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं है, 26 जून 2024 को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जिस एंबुलेंस सेवा का उद्घाटन किया था वह बेहद खर्चीला साबित हुआ, रायपुर टिकरापारा की एक ट्रेवल्स कंपनी (शायद किसी मंत्री या अधिकारी के चहेता हो) द्वारा लगाई गई… बहरहाल खबरों का माने तो इस एंबुलेंस को 12 महीनों बाद बंद कर दिया गया, वहीं विभागीय अधिकारी खुलासा उपरांत सोशल मिडिया द्वारा छन-छन कर बातें सामने आने पर जिला प्रशासन के पास जवाब नहीं होने के कारण इसके महंगे संचालन के लिए कोई बजट नहीं था बताया गया, इसके बदले में जिले को मिली पांच नई एंबुलेंस में से एक सुपेबेड़ा भेजी गई जो पहले से ही 2 लाख किलोमीटर चल चुकी है और खटारा हालत में है, गरियाबंद के सीएमएचओ यूके नवरत्न ने नई एंबुलेंस के बदले जाने की पुष्टि की है, लेकिन पुरानी एंबुलेंस की प्रक्रिया और भुगतान पर कोई जानकारी नहीं दे पाए, उन्होंने बताया कि इस बारे में डीपीएम (जिला कार्यक्रम प्रबंधक) ही बता सकते हैं, जो अभी बाहर है…

अधिकारी,मंत्री चलते महंगी नई लग्जरी वाहनों में.. और मरीजो के सेवा के लिए 2 लाख कि.मी. चली हुई (पुरानी खटारा वाहन) सुपेबेड़ा भेजा गया…
जिला का एक और बड़ा कारनामा, बहुत जल्द होगा इस पर भी एक खुलासा…

